
धन्यवाद तेरा जो कोख में तू मुझको लाई माँ
पर क्या करूँ आ कर जहाँ सिर्फ हो बुराई माँ
जहाँ हर रिश्ता जैसे ख़त्म हो रहा हो बनकर धुआं
क्या करुँगी आकर तेरे इस बुरे घर बार में माँ
जहाँ पिता और भाई भी करे इज्ज़त को तार तार
किसकी बाहों में खेलूंगी, कैसा चल रहा ये कारोबार
मानती हूँ तेरी रौशनी बन के यहाँ मैं आई माँ
धन्यवाद तेरा जो कोख में तू मुझको लाई माँ
माँ कुछ ऐसा कर दे कि बेटी कोख में ही ना आ पाए
कम से कम हर रिश्ता दागदार होने से तो बच जाये
ना कर मुझसे मुझे जन्म देने कि अब लड़ाई माँ
धन्यवाद तेरा जो कोख में तू मुझको लाई माँ
सोच कर थम जाती हैं साँसे, सहम जाता है ये दिल
किस रिश्ते पर करूँ भरोसा, कोई नहीं इस काबिल
मुझे वापस वही भेज दे जहाँ से मुझको तू लाई माँ
धन्यवाद तेरा जो कोख में तू मुझको लाई माँ
Bahut sunder...
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