बुधवार, 5 जनवरी 2011

ये हैं जनप्रतिनिधि

कल एक जबरदस्त न्यूज़ जंगल में आग की तरह फैली कि, बिहार में पूर्णिया के विधायक राजकिशोर केसरी की एक महिला ने निर्मम हत्या कर दी. वैसे तो हत्या का मूल कारण जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन पहली नज़र में अगर देखें तो कुछ अजीब सी ही बातें सामने आती हैं, जो हमें बिलकुल स्तब्ध कर देती है. आरोपी महिला रूपम पाठक ने विधायक और उनके सहयोगियों पर यौन दुराचार का आरोप लगाया था. उसके बाद 18 अप्रेल 2010 को पुलिस अधीक्षक से मिल कर लिखित शिकायत दर्ज किया. अब यहाँ ऐसा प्रतीत हो रहा है कि समय पर कारवाई नहीं होने के कारण ही महिला ने ये दुस्साहस करने कि ठानी. अब यहाँ राजनीति शुरू हो चुकी है और आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. लेकिन यहाँ अगर आम जनता का मत agar हम जानें तो पाते हैं कि रूपम पाठक के द्वारा न्याय के लिए अपनाये गए तरीके को गलत मानते हैं पर विधायक जी को भी साफतौर से बरी नहीं कर रहे हैं.

यहाँ सचमुच ये अब चिंतन का विषय हो गया है कि, कहलाते तो ये जनप्रतिनिधि हैं. लेकिन जनता के सामने कभी इनकी छवि साफ़ सुथरी नहीं होती. ऐसा नहीं है कि सभी जनप्रतिनिधि ऐसे ही हैं. परन्तु हमारे दिमाग में ऐसी ही छवि बनी हुई है. ये सिर्फ एक जगह कि हालत नहीं है. कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के एक बसपा विधायक पर भी बलात्कार का इलज़ाम लगा है और वो बचाव में बयान देते फिर रहे हैं. मैं उस महिला के कदम को बिलकुल सही नहीं मानता हूँ. पर ज़रा सोचिये कि कोई भी महिला इस तरह के अंजाम तक किस हालात में पहुँच सकती है. यहाँ मतलब साफ़ है कि, क़त्ल एक अन्तिम हथियार ही बचता है. जब क़ानून से आपका विश्वास उठ जाये तो शायद इसके अलावा कोई उपाय नहीं बचता है. वैसे इस तरह के हत्याकांड को समाज सिरे से नकारते हैं लेकिन कोई व्यक्ति करे तो आखिर क्या, जब हमारा सविंधान ही हमारी रक्षा न कर पाए तो?

इस हत्याकांड के बाद जब मैंने अपने उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी जी का बयान सुना तो मैं बिलकुल ही हतप्रभ रह गया. बिना किसी जांच के और बिना किसी परिस्थिति को जाने कोई ऐसा गैर जिम्मेदारी वाला बयान कैसे दे सकता है? सुशील कुमार मोदी ने राजकिशोर केसरी को क्लीन चिट देते हुए सारे आरोप उक्त महिला रूपम पाठक के सर मढ़ दिया. उन्होंने महिला पर आरोप लगाया कि "रूपम पाठक विधायक को ब्लैक मेल कर रही थी" परन्तु कोई ज़रा हमें ये बताये कि कोई भी इंसान किसी को ब्लैक मेल किस आधार पर कर सकता है. बचपन में सुनी हुई एक कहावत है कि "धुंआ वही उठता है जहाँ आग आग लगी रहती है" तात्पर्य ये है कि अगर वो विधायक को ब्लैक मेल कर रही थी तो ये बात यहाँ साफ़ है कि विधायक जी के खिलाफ कोई सबूत उनके पास था जिसके कारण सुशील कुमार मोदी ये कह रहे हैं कि महिला विधायक को ब्लैक मेल कर रही थी. मेरा राजनेताओं से अनुरोध है कि पहले वस्तुस्थिति को समझने की कोशिश करें फिर कोई बयान दें.

मैं मानता हूँ कि विधायक कि हत्या निहायत ही गलत कदम है. उस महिला का आरोप अगर सच भी है फिर भी ये तरीका बिलकुल गैरकानूनी और गलत है. पर हमें फिक्र इस बात कि होनी चाहिए कि उस महिला ने अब तक कोई सबूत नहीं दिए हैं फिर भी आम जनता विधायक के करतूत को सही मान रही है. हर कोई यही कह रहा है कि महिला झूठ नहीं बोल रही है. पर ज़रा हम विधायक के सहयोगियों को देखें तो उन्हें उस महिला पर आरोप लगाने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. क्यूंकि इस हत्या के बाद उनके सहयोगियों ने मार-मार कर उसे अधमरा कर दिया. क्या ये न्याय संगत था?

ऐसा लगता है कि हर पार्टी और हर प्रदेश में ऐसे लोग मौजूद हैं जो कही न कहीं किसी न किसी काण्ड में लिप्त हैं. पर पार्टी इन्हें बाहर निकालने या इनपर कारवाई करने का कोई व्यस्थित उपाय नहीं कर रही है. हर पार्टी को अपने विरोधी पार्टी में अपराधी तत्व नज़र आते हैं और उस वक़्त ये मसला सबसे अहम् हो जाता है पर एक बार अपने गिरेबान में झाँकने की भूल कभी नहीं करते. यहाँ सवाल सिर्फ माननीय जनप्रतिनिधि के अपराधिक या चारित्रिक मामले लिप्त होने का नहीं है, सवाल ये है कि अगर हमारे माननीय जनप्रतिनिधि ऐसे होंगे तो हम आम जनता से कानून पालन करने कि क्या उम्मीद कर सकते हैं...

5 टिप्‍पणियां:

  1. इतनी लम्बी बकवास कैसे लिख लेते हो ?

    जवाब देंहटाएं
  2. पहले तो आप अपना नाम बता दीजिये और जहाँ तक बकवास करने की बात है तो आपको मैं ये बताना चाहूँगा कि अगर हर हिन्दुस्तानी इस तरह की बकवास शुरू कर दे तो ये जो हमारे तथाकथित जनप्रतिनिधि और राजनेता हैं उनकी हिम्मत नहीं होगी की इस तरह की कोई कारगुजारी को अंजाम दे देंगे. इसलिए कृप्या आप भी ऐसी बकवास करें और देश को आगे बढाने में सबका सहयोग करने की कृपा करें.

    जवाब देंहटाएं
  3. मैं आपकी बात से सहमत हूँ. क्यूंकि हमलोग ही हैं जो इनके कुकृत्य को बढ़ावा देते हैं और अगर कोई कुछ अच्छा करने की सोचे भी तो ऐसे लोग उन्हें बकवास बोल के उनका मनोबल तोड़ते हैं

    जवाब देंहटाएं
  4. badhiya hai bhaai... rocking hindi thi...1-2 words samjha main nahi aaye...hindi dictionary khridta hoon aaj hi..

    जवाब देंहटाएं
  5. bhai aisi bhi hindi nahi thee. bahut hee simple likhne ki koshish kiya tha.

    जवाब देंहटाएं